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Friday, June 26, 2015

दीखते मोदीजी, बोलते मोदीजी

अपने नरेन्द्र मोदीजी भारत के पहले यत्र तत्र सर्वत्र प्रधानमंत्री हैं। अभी तक सरकार में सब कुछ राष्ट्रपति के नाम में होता है। वह भी केवल सरकारी आदेशों में। वह अब भी होता है।
पर अपने मोदीजी न केवल विभिन्न क्षेत्रों में छपे हुए होते हैं, वे दिखलाई भी देते हैं। पिछले हफ्ते का योग दिवस इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।
पूरे दिन मोदीजी टी वी पर छाए रहे। क्योंकि कार्यक्रम मोदीजी का था इसलिए राष्ट्रपति और उप- राष्ट्रपति को न्यौता नहीं। लग रहा था कि मोदीजी नहीं होते तो योग का क्या होता ?
मोदीजी ने स्वंय कुछ सरल पोज दे, रशियो के पुतिनजी को बता दिया कि वे केवल योग का प्रचार नहीं करते, स्वंय योग भी करते हैं। आजकल मोदीजी प्रेरणास्वरूप बनते जा रहे हैं। सभी जगह यही छवि छा रही है उनकी।
सुप्रीम कोर्ट के सरकारी विज्ञापन में केवल प्रधानमंत्री की फोटो वाले फैसले के बाद तो अपने मोदीजी को विज्ञापनों में खुला मैदान मिल गया है। अब कोई मंत्री, मुख्यमंत्री को फोटो नहीं।
मोदी हितेच्छु काफी सृजनशील हैं। आज तक प्रेस इंर्फोमेशन ब्यूरो की वेबसाइट पर केवल समाचार के शीर्षक वाला होमपेज होता था। मोदीजी के आने के बाद इस वेबसाइट पर मोदीजी की फोटो मुख्य होती है, समाचार बाद में दिखते हैं।
अभी कुछ दिन पहले बीएसएनएल से एक एसएमएस मिला। उसका सार था कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से बीएसएनएल 15 जून से भारत में फ्री रोमिंग शूरू करने जा रहा है।
आज सुबह एक फोन आया। उस पर प्रधानमंत्री वाला संदेश रिकार्डड मैसेज के रूप में सुनाई दिया।
मान गये जिय किसी अधिकारी ने यह आइडिया लगाया है उसकी सोच को दाद देनी पड़ेगी। उसने मोदीजी के प्रशंसाप्रिय दिमाग का सही अध्ययन किया है।
काश अधिकारी बीएसएनएल के कामकाज को सुधारने में यह दिमाग लगाते तो लोगों का कितना भला होता। पर उससे जरूरी नहीं कि मोदीजी खुश होते।
देखा मोदीजी यत्र तत्र सर्वत्र । दीखते मोदीजी, बोलते मोदीजी।
   



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