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Tuesday, March 22, 2016

सदाबहार शांतिभाई आडेसरा

शांति आडेसरा
लगभग 18 वर्ष के बाद शांतिभाई से मिलना हुआ, एक ज्योतिष पर सेमिनार की प्रेस कांफ्रेंस में। वही अंदाज और उम्र तो लगभग थम ही गई है उनके चेहरे पर। उनका गठा शरीर और सीधी चाल भी उनकी उम्र का राज नहीं खोलते हैं ।अगर शांतिभाई आपको अपनी उम्र न बताएं तो आप कह ही नहीं सकते कि वो 80 साल के हैं। इसीलिए हमारा कहना है कि सदाबहार शांतिभाई आडेसरा।
हस्तरेखा देखना उनका शौक है और हाल में पेशा भी। अहमदाबाद के सीजी रोड पर स्थित उनका आफिस तो मानो उनकी हस्तरेखा शास्त्र की फोटो गैलरी है। फिल्मी सितारों, राजनीतिक नेताओं और अन्य हस्तियों के साथ के फोटो इस बात का तस्वीरी सबूत है कि उन्होंने उनके हस्तरेखा ज्ञान से किन किन को प्रभावित किया है। 1970 से अभी तक में उन्होंने 80,000 से अधिक लोगों के हाथों की लकीरों को पढ़ा है। इन सभी के हाथों के प्रिटं उनके पास सुरक्षित हैं।
आफिस में जगह न होने के कारण यह खजाना उन्होने अपने घर पर रख रखा है।
वे स्पष्ट वक्ता हैं। साफ कहते हैं मैं कोई मास्टर नहीं हूं, पर इस विषय के बारे में मुझे अच्छा ज्ञान है। उनका कहना है कि उनका कथन लगभग 80 प्रतिशत सही होता है।
वे कहते हैं कि हस्तरेखा विज्ञान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हाथों में ही सब कुछ है और वह सब आपकी आंखों के सामने हैं। जन्म तारीख और समय में जरा भी चूक कुंडली पढ़ने में समस्या लाती है पर हस्तरेखा तो आपके सामने होती है, आपकी जिन्दगी के रास्तों का एक स्पष्ट नक्शा।
60 के दशक में एक बैंक की परीक्षा में असफल होने पर उनका हस्तरेखा विज्ञान में रस जागा और तब से वह निरंतर चल रहा है। जितने हाथ देखते हैं उतना उनका ज्ञान बढ़ता है।गुजरात के लगभग सभी बड़े अखबारों में उन्होंने हस्तरेखा के बारे में कॉलम लिखे हैं, दिग्गजों के बारे में भी भविष्यवाणियां की हैं।
सबसे जोरदार भविष्यवाणी उन्होंने 1984 में इन्दिरा गांधी की हत्या के बारे में रोटरी क्लब के एक कार्यक्रम में की थी। उनके पास रोटरी क्लब द्वारा इस बारे में दिया गया प्रमाणपत्र भी है।
वे भविष्य कथन करते हैं, पर खुद वर्तमान में जीते हैं और अन्य सभी को भी केवल वर्तमान में जीने की ही सलाह देते हैं। भविष्य की जानकारी से हम आनेवाले दिनों को बेहतर बना सकते हैं। पर जीना तो आज है। जिन्दादिली से जियो।
अन्य भविष्य वक्ताओं की तरह वे भी आने वाली समस्याओं से निपटने के रास्ते बतलाते हैं। पर वे भविष्य वक्ता की साथ साथ जो मोटीवेशनल गुरू का काम करते हैं वो उनका अपना ही अनोखा अंदाज है। बहुत कम ज्योतिष इस प्रकार की सीख देते हैं। आज जियो , भरपूर जियो।
हम हमारे वाहन का जिस प्रकार रख रखाव रखते हैं उसी तरह से शरीर का रख रखाव करें और प्रसन्न चित्त रहें यह एक ऐसा जीवन मंत्र है जो शान्तिभाई सभी को देते है भले ही वह व्यक्ति उनसे यूं ही मिलने आया हो या फिर हाथ बताने। बीच बीच में अंग्रेजी बोल वे यह भी जता देते हैं कि वे मोर्डन हैं, इसलिये उन्हें गंभीरता से लें !!
वे खुद इस जिन्दादिली का सबूत हैं। हमेशा अच्छे कपड़े, पेन्ट में सही अन्दाज में कमीज, पॉलिश किये हुए जूते और क्लीन शेव चेहरा. जवानी से 80 साल की उम्र तक का यह एक शाश्वत नियम है, जो उन्हें सदाबहार बनाए हुए हैं।

और इसे देखते हुए जब वे कहते हैं कि रहो देवानन्द की तरह तब यही कहा जा सकता है कि सदाबहार शान्ति आडेसरा।
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